Ghazals of Aftab Shamsi
नाम | आफ़ताब शम्सी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aftab Shamsi |
टूटा हुआ आईना जो रस्ते में पड़ा था
तलाश-ए-क़ाफ़िया में उम्र सब गुज़ारी है
सभी बिछड़ गए मुझ से गुज़रते पल की तरह
पयाम-ए-आश्ती इक ढोंग दोस्ती का था
कोई अच्छी सी ग़ज़ल कानों में मेरे घोल दे
जू-ए-रवाँ हूँ ठहरा समुंदर नहीं हूँ मैं
जो दिल में है वही बाहर दिखाई देता है
देर तक रात अँधेरे में जो मैं ने देखा
असीर-ए-जिस्म हूँ दरवाज़ा तोड़ डाले कोई
आज़ुर्दगी का उस की ज़रा मुझ को पास था