Love Poetry of Aftab Hussain
नाम | आफ़ताब हुसैन |
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अंग्रेज़ी नाम | Aftab Hussain |
जन्म स्थान | Austria |
कुछ रब्त-ए-ख़ास अस्ल का ज़ाहिर के साथ है
कुछ और तरह की मुश्किल में डालने के लिए
हुस्न वालों में कोई ऐसा हो
गए मंज़रों से ये क्या उड़ा है निगाह में
फ़िराक़ मौसम की चिलमनों से विसाल लम्हे चमक उठेंगे
बदल रहे हैं ज़माने के रंग क्या क्या देख
अभी है हुस्न में हुस्न-ए-नज़र की कार-फ़रमाई
ज़रा सी देर को चमका था वो सितारा कहीं
ये जब्र भी है बहुत इख़्तियार करते हुए
तुम्हारे बाद रहा क्या है देखने के लिए
क़दम क़दम पे किसी इम्तिहाँ की ज़द में है
निगाह के लिए इक ख़्वाब भी ग़नीमत है
मुनाफ़िक़त का निसाब पढ़ कर मोहब्बतों की किताब लिखना
मक़ाम-ए-शौक़ से आगे भी इक रस्ता निकलता है
किसी नज़र ने मुझे जाम पर लगाया हुआ है
करता कुछ और है वो दिखाता कुछ और है
कहाँ किसी पे ये एहसान करने वाला हूँ
कभी जो रास्ता हमवार करने लगता हूँ
जब सफ़र से लौट कर आने की तय्यारी हुई
घड़ी घड़ी उसे रोको घड़ी घड़ी समझाओ
गए मंज़रों से ये क्या उड़ा है निगाह में
दिल भी आप को भूल चुका है
धूप जब ढल गई तो साया नहीं
देखे कोई तअल्लुक़-ए-ख़ातिर के रंग भी
दे रहे हैं जिस को तोपों की सलामी आदमी
अपना दीवाना बना कर ले जाए
अना को बाँधता रहता हूँ अपने शे'रों में