Hope Poetry of Aftab Hussain
नाम | आफ़ताब हुसैन |
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अंग्रेज़ी नाम | Aftab Hussain |
जन्म स्थान | Austria |
वो यूँ मिला था कि जैसे कभी न बिछड़ेगा
कुछ और तरह की मुश्किल में डालने के लिए
करता कुछ और है वो दिखाता कुछ और है
कब भटक जाए 'आफ़्ताब' हुसैन
जो कुछ निगाह में है हक़ीक़त में वो नहीं
दिल-ए-मुज़्तर वफ़ा के बाब में ये जल्द-बाज़ी क्या
अभी दिलों की तनाबों में सख़्तियाँ हैं बहुत
मुनाफ़िक़त का निसाब पढ़ कर मोहब्बतों की किताब लिखना
मक़ाम-ए-शौक़ से आगे भी इक रस्ता निकलता है
मैं सोचता हूँ अगर इस तरफ़ वो आ जाता
किसी तरह भी तो वो राह पर नहीं आया
करता कुछ और है वो दिखाता कुछ और है
कमी रखता हूँ अपने काम की तकमील में
कहाँ किसी पे ये एहसान करने वाला हूँ
कभी जो रास्ता हमवार करने लगता हूँ
जब सफ़र से लौट कर आने की तय्यारी हुई
इस अँधेरे में जो थोड़ी रौशनी मौजूद है
गए मंज़रों से ये क्या उड़ा है निगाह में
फ़सील-ए-शहर-ए-तमन्ना में दर बनाते हुए
दिल भी आप को भूल चुका है
धूप जब ढल गई तो साया नहीं