Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_48c601f5e75e0584591613513d858c9a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
करता कुछ और है वो दिखाता कुछ और है - आफ़ताब हुसैन कविता - Darsaal

करता कुछ और है वो दिखाता कुछ और है

करता कुछ और है वो दिखाता कुछ और है

दर-अस्ल सिलसिला पस-ए-पर्दा कुछ और है

हर-दम तग़य्युरात की ज़द में है काएनात

देखें पलक झपक के तो नक़्शा कुछ और है

जो कुछ निगाह में है हक़ीक़त में वो नहीं

जो तेरे सामने है तमाशा कुछ और है

रख वादी-ए-जुनूँ में क़दम फूँक फूँक कर

ऐ बे-ख़बर सँभल कि ये रिश्ता कुछ और है

तहरीर और कुछ है सर-ए-मतन-ए-ज़िंदगी

और हाशिए में है जो हवाला कुछ और है

हर-चंद दिल धड़कता है पल पल घड़ी घड़ी

लेकिन जो आज दिल को है धड़का कुछ और है

इतनी भी एहतियात न कर जान 'आफ़्ताब'

ख़दशे कुछ और होते हैं होता कुछ और है

(1094) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Karta Kuchh Aur Hai Wo Dikhata Kuchh Aur Hai In Hindi By Famous Poet Aftab Hussain. Karta Kuchh Aur Hai Wo Dikhata Kuchh Aur Hai is written by Aftab Hussain. Complete Poem Karta Kuchh Aur Hai Wo Dikhata Kuchh Aur Hai in Hindi by Aftab Hussain. Download free Karta Kuchh Aur Hai Wo Dikhata Kuchh Aur Hai Poem for Youth in PDF. Karta Kuchh Aur Hai Wo Dikhata Kuchh Aur Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Karta Kuchh Aur Hai Wo Dikhata Kuchh Aur Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.