Sad Poetry of Afroz Alam
नाम | अफ़रोज़ आलम |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Afroz Alam |
तलाश
पल-दो-पल
ख़याल
यूँ ख़बर किसे थी मेरी तिरी मुख़बिरी से पहले
तू मेरी नींदें तलाशता है यही बहुत है
मौज-दर-मौज हवाओं से बचा लाऊँगा
जिगर को ख़ून किए दिल को बे-क़रार अभी
जगा जुनूँ को ज़रा नक़्शा-ए-मुक़द्दर खींच
जगा जुनूँ को ज़रा नक़्शा-ए-मुक़द्दर खींच
हिसार-ए-दीद में रोईदगी मालूम होती है
दुश्मनों को मिरे हमराज़ करोगे शायद
बड़ा ख़ुशनुमा ये मक़ाम है नई ज़िंदगी की तलाश कर
अत्तार के मस्कन में ये कैसी उदासी है
ऐ दोस्त तिरी बात सहर-ख़ेज़ बहुत है