Love Poetry of Afroz Alam

Love Poetry of Afroz Alam
नामअफ़रोज़ आलम
अंग्रेज़ी नामAfroz Alam

पल-दो-पल

मोहब्बत

ख़याल

दवाम

बे-क़रारी

अक्स-बर-अक्स

यूँ ख़बर किसे थी मेरी तिरी मुख़बिरी से पहले

तू मेरी नींदें तलाशता है यही बहुत है

ठोकर से फ़क़ीरों की दुनिया का बिखर जाना

शम्स मादूम है तारों में ज़िया है तो सही

शबनम की तरह सुब्ह की आँखों में पड़ा है

फैले हुए ग़ुबार का फिर मो'जिज़ा भी देख

मौज-दर-मौज हवाओं से बचा लाऊँगा

जिगर को ख़ून किए दिल को बे-क़रार अभी

जगा जुनूँ को ज़रा नक़्शा-ए-मुक़द्दर खींच

जगा जुनूँ को ज़रा नक़्शा-ए-मुक़द्दर खींच

जब अपना साया ही दुश्मन है क्या किया जाए

हिसार-ए-दीद में रोईदगी मालूम होती है

गुज़रे लम्हात का एहसास हुआ जाता है

बड़ा ख़ुशनुमा ये मक़ाम है नई ज़िंदगी की तलाश कर

ऐ दोस्त तिरी बात सहर-ख़ेज़ बहुत है

अफ़रोज़ आलम Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अफ़रोज़ आलम. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अफ़रोज़ आलम. Share the अफ़रोज़ आलम Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.