Hope Poetry of Afroz Alam
नाम | अफ़रोज़ आलम |
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अंग्रेज़ी नाम | Afroz Alam |
ये खुला जिस्म खुले बाल ये हल्के मल्बूस
ये खुला जिस्म खुले बाल ये हल्के मल्बूस
ज़ुल्मात
तलाश
तख़्लीक़
पल-दो-पल
ख़याल
यूँ ख़बर किसे थी मेरी तिरी मुख़बिरी से पहले
तू मेरी नींदें तलाशता है यही बहुत है
ठोकर से फ़क़ीरों की दुनिया का बिखर जाना
शम्स मादूम है तारों में ज़िया है तो सही
जिगर को ख़ून किए दिल को बे-क़रार अभी
जगा जुनूँ को ज़रा नक़्शा-ए-मुक़द्दर खींच
जगा जुनूँ को ज़रा नक़्शा-ए-मुक़द्दर खींच
दुश्मनों को मिरे हमराज़ करोगे शायद
बड़ा ख़ुशनुमा ये मक़ाम है नई ज़िंदगी की तलाश कर
अत्तार के मस्कन में ये कैसी उदासी है
ऐ दोस्त तिरी बात सहर-ख़ेज़ बहुत है
आप से उन्स हुआ चाहता है