तलाश

यूँ लगता है

पिछले कुछ सालों से

शब की सियाही गहरी हो गई है

शायद एक लम्हे को दूसरा लम्हा भी नहीं सूझता

ज़ी-फ़हम दानिश-वर

अपने एहसास पे लगे ज़ख़्मों को

माह-ओ-अंजुम बनाए

किसी जदीद सूरज के तुलूअ' होने के मंज़र

मा'सूम जियाले

अपने ज़ख़्मों को सँभाले

नए वार से बचने की तलाश में

कोई किसी के दोस्ती-भरे सफ़ेद घर में बे-फ़िक्र

कोई किसी के दुआओं का मुंतज़िर

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Talash In Hindi By Famous Poet Afroz Alam. Talash is written by Afroz Alam. Complete Poem Talash in Hindi by Afroz Alam. Download free Talash Poem for Youth in PDF. Talash is a Poem on Inspiration for young students. Share Talash with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.