शुऊ'र-ए-दिल से

आज

क़लम की नोक तले

अजीब मौज़ूअ' तड़प रहा है

शुऊ'र-ए-दिल से

उलझ पड़ा है

दिमाग़ भी कुछ

कह रहा है

कि

हर एक शय को मफ़ाद में तोलने वाले

हवाओं में ज़हर घोलने वाले

नई दुनिया के जदीद मसअलों का हल निकाल सकेंगे

किसी मुआ'मले को सुलझा सकेंगे

शुऊर

दिल से ये कह रहा है

(850) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Shuur-e-dil Se In Hindi By Famous Poet Afroz Alam. Shuur-e-dil Se is written by Afroz Alam. Complete Poem Shuur-e-dil Se in Hindi by Afroz Alam. Download free Shuur-e-dil Se Poem for Youth in PDF. Shuur-e-dil Se is a Poem on Inspiration for young students. Share Shuur-e-dil Se with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.