मौज-दर-मौज हवाओं से बचा लाऊँगा

मौज-दर-मौज हवाओं से बचा लाऊँगा

ख़ुद को मैं दश्त के पंजों से छुड़ा लाऊँगा

हौसला रखिए मैं सहरा से पलट आऊँगा

ज़र्रे ज़र्रे से मोहब्बत का पता लाऊँगा

मेरे हाथों की लकीरों में जो हैं उलझे हुए

उन ही गेसू के लिए फूल बचा लाऊँगा

तेरे माथे पे चमकते हुए रंगों की क़सम

तिरे होंटों पे तरन्नुम की सदा लाऊँगा

मैं जो पाबंद-ए-वफ़ा हूँ तू वफ़ा ज़िंदा है

मैं इसी तर्ज़-ए-रियाज़त का सिला लाऊँगा

मौसम-ए-ख़ुश्क हुआ तेज़ मगर वा'दा रहा

सुर्ख़ फूलों के लिए नाम-ए-वफ़ा लाऊँगा

शब की तन्हाई में आँखों से लहू टपकेगा

ऐसे 'आलम' की मैं तस्वीर बना लाऊँगा

(976) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Mauj-dar-mauj Hawaon Se Bacha Launga In Hindi By Famous Poet Afroz Alam. Mauj-dar-mauj Hawaon Se Bacha Launga is written by Afroz Alam. Complete Poem Mauj-dar-mauj Hawaon Se Bacha Launga in Hindi by Afroz Alam. Download free Mauj-dar-mauj Hawaon Se Bacha Launga Poem for Youth in PDF. Mauj-dar-mauj Hawaon Se Bacha Launga is a Poem on Inspiration for young students. Share Mauj-dar-mauj Hawaon Se Bacha Launga with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.