Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b120edf9c058e6d4d3b51b216178f149, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अत्तार के मस्कन में ये कैसी उदासी है - अफ़रोज़ आलम कविता - Darsaal

अत्तार के मस्कन में ये कैसी उदासी है

अत्तार के मस्कन में ये कैसी उदासी है

सोने की मुक़ाबिल में हर सम्त ही मिट्टी है

तू साहब-ए-क़ुदरत है तू अपना करम रखना

सहरा की तरफ़ माइल हालात की कश्ती है

रौशन है दरख़्शाँ है ये दौर ब-ज़ाहिर तो

मज़दूर के बस में तो बस रीढ़ की हड्डी है

लम्हों की तआ'क़ुब में सदियों की धरोहर थी

अफ़्सोस के दामन में ग़ुर्बत की ये बस्ती है

वो साहब-ए-मसनद हैं इस से उन्हें क्या मतलब

जज़्बों के दरीचों से जारी कोई नद्दी है

हर ख़्वाब शिकस्ता है तामीर-ए-नशेमन का

हर सुब्ह के माथे पर बाज़ार की गर्मी है

कुछ और मसाइल से उलझेगा अभी 'आलम'

हर साहिब-ए-आलम पे छाई अभी मस्ती है

(871) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Attar Ke Maskan Mein Ye Kaisi Udasi Hai In Hindi By Famous Poet Afroz Alam. Attar Ke Maskan Mein Ye Kaisi Udasi Hai is written by Afroz Alam. Complete Poem Attar Ke Maskan Mein Ye Kaisi Udasi Hai in Hindi by Afroz Alam. Download free Attar Ke Maskan Mein Ye Kaisi Udasi Hai Poem for Youth in PDF. Attar Ke Maskan Mein Ye Kaisi Udasi Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Attar Ke Maskan Mein Ye Kaisi Udasi Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.