Heart Broken Poetry of Afroz Alam
नाम | अफ़रोज़ आलम |
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अंग्रेज़ी नाम | Afroz Alam |
ज़ुल्मात
तलाश
शुऊ'र-ए-दिल से
ख़याल
दवाम
यूँ ख़बर किसे थी मेरी तिरी मुख़बिरी से पहले
तू मेरी नींदें तलाशता है यही बहुत है
ठोकर से फ़क़ीरों की दुनिया का बिखर जाना
शम्स मादूम है तारों में ज़िया है तो सही
शबनम की तरह सुब्ह की आँखों में पड़ा है
फैले हुए ग़ुबार का फिर मो'जिज़ा भी देख
मौज-दर-मौज हवाओं से बचा लाऊँगा
जिगर को ख़ून किए दिल को बे-क़रार अभी
हिसार-ए-दीद में रोईदगी मालूम होती है
गुज़रे लम्हात का एहसास हुआ जाता है
बड़ा ख़ुशनुमा ये मक़ाम है नई ज़िंदगी की तलाश कर
अत्तार के मस्कन में ये कैसी उदासी है
ऐ दोस्त तिरी बात सहर-ख़ेज़ बहुत है