Ghazals of Afeef Siraj
नाम | अफ़ीफ़ सिराज |
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अंग्रेज़ी नाम | Afeef Siraj |
उस ने क्यूँ सब से जुदा मेरी पज़ीराई की
शौक़-ए-वारफ़्ता चला शहर-ए-तमाशा की तरफ़
शब ढली मेरी और सहर न हुई
मुझ को इक अर्सा-ए-दिल-गीर में रक्खा गया था
मेरे जुनून-ए-शौक़ को इतनी सी काएनात बस
हम अहल-ए-नज़ारा शाम-ओ-सहर आँखों को फ़िदया करते हैं
हरीम-ए-दिल से निकल आँख के सराब में आ
हमारी तिश्ना-लबी अब सुबू से खेलेगी
बरसों के जैसे लम्हों में ये रात गुज़रती जाएगी
अंदाज़-ए-नुमू कैसा अलमनाक निकाला
आप ने आज ये महफ़िल जो सजाई हुई है