Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7fd9153c2b95bd91ee1dd8c644c93676, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
लफ़्ज़ की छाँव में - आदिल मंसूरी कविता - Darsaal

लफ़्ज़ की छाँव में

लफ़्ज़ की छाँव में

नीम की पत्तियों का सफ़र तल्ख़ सा

सीलनी जिस्म में रूह बेचैन भी

शहरियत के तक़ाज़े जो टूटे कभी

ज़िंदगी के अमल में भी शक आ पड़ा

टूट कर किस तरह जुड़ गई चाँदनी

धूप लम्हों के चेहरों से गिरती हुई ख़ाक में जा मिली

सर झुकाए हुए कौन सड़कों पे यूँ तुझ को ढूँडा करे

हम-कलामी की इज़्ज़त का बादल सदा सर पे साया फ़गन

जब तेरी ख़ामुशी के मआनी के होंटों से टपके हुए

दूध के चंद क़तरे समुंदर बने

बादबानों के आग़ोश खोले हुए कश्तियाँ चल पड़ीं

तिश्नगी के जज़ीरों पे साया कहाँ

सुब्ह का मोम पिघला तो ख़्वाबों के दिल बुझ गए

बुझ गई रात भी

बुझ गई लफ़्ज़ के हाथ की बात भी

लफ़्ज़ मैदान में सर-निगूँ रह गए

संगसारी की लज़्ज़त लहू बन गई

कौन पोशीदा जज़्बों की चिलमन बने

लफ़्ज़ की छाँव में कोई सूरज ढले

(964) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Lafz Ki Chhanw Mein In Hindi By Famous Poet Adil Mansuri. Lafz Ki Chhanw Mein is written by Adil Mansuri. Complete Poem Lafz Ki Chhanw Mein in Hindi by Adil Mansuri. Download free Lafz Ki Chhanw Mein Poem for Youth in PDF. Lafz Ki Chhanw Mein is a Poem on Inspiration for young students. Share Lafz Ki Chhanw Mein with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.