Heart Broken Poetry of Adil Mansuri (page 1)
नाम | आदिल मंसूरी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Adil Mansuri |
जन्म की तारीख | 1936 |
मौत की तिथि | 2009 |
जन्म स्थान | Ahmadabad |
आधों की तरफ़ से कभी पौनों की तरफ़ से
ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में
यादों ने उसे तोड़ दिया मार के पत्थर
तस्वीर में जो क़ैद था वो शख़्स रात को
मेरे टूटे हौसले के पर निकलते देख कर
क्यूँ चलते चलते रुक गए वीरान रास्तो
कोई ख़ुद-कुशी की तरफ़ चल दिया
हम्माम के आईने में शब डूब रही थी
वो मर गई थी
वक़्त की पीठ पर
वालिद के इंतिक़ाल पर
टूटी लज़्ज़त की ख़ुशबू
सियाह सायों की तिश्नगी में
सितारा सो गया है
शुऊर नीली रुतूबतों में उलझ गया है
सातवीं पिसली में पीली चाँदनी
सफ़ेद रात से मंसूब है लहू का ज़वाल
साए की पिसली से निकला है जिस्म तिरा
पत्थर पर तस्वीर बना कर
नज़्म
नज़्म
नज़्म
लहू को सुर्ख़ गुलाबों में बंद रहने दो
लफ़्ज़ की छाँव में
खिड़की अंधी हो चुकी है
हश्र की सुब्ह दरख़्शाँ हो मक़ाम-ए-महमूद
गोश्त की सड़कों पर
फ़ैज़
एक नज़्म
एक मंज़र