Heart Broken Poetry of Adeem Hashmi
नाम | अदीम हाशमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Adeem Hashmi |
जन्म की तारीख | 1946 |
मौत की तिथि | 2001 |
याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी 'अदीम'
शोर सा एक हर इक सम्त बपा लगता है
सदाएँ एक सी यकसानियत में डूब जाती हैं
उसी एक फ़र्द के वास्ते मिरे दिल में दर्द है किस लिए
तेरे लिए चले थे हम तेरे लिए ठहर गए
तमाम उम्र की तन्हाई की सज़ा दे कर
शोर सा एक हर इक सम्त बपा लगता है
शामिल था ये सितम भी किसी के निसाब में
सर-ए-सहरा मुसाफ़िर को सितारा याद रहता है
रख़्त-ए-सफ़र यूँही तो न बेकार ले चलो
मुफ़ाहमत न सिखा जब्र-ए-नारवा से मुझे
मेरे रस्ते में भी अश्जार उगाया कीजे
मैं गुफ़्तुगू हूँ कि तहरीर के जहान में हूँ
लोगों के दर्द अपनी पशेमानियाँ मिलीं
क्यूँ मिरे लब पे वफ़ाओं का सवाल आ जाए
कुछ हिज्र के मौसम ने सताया नहीं इतना
कोई पत्थर कोई गुहर क्यूँ है
किस हवाले से मुझे किस का पता याद आया
जब बयाँ करोगे तुम हम बयाँ में निकलेंगे
ग़म के हर इक रंग से मुझ को शनासा कर गया
ग़म है वहीं प ग़म का सहारा गुज़र गया
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था
इक पल बग़ैर देखे उसे क्या गुज़र गया
दर्द होते हैं कई दिल में छुपाने के लिए
चल दिया वो देख कर पहलू मिरी तक़्सीर का
बस कोई ऐसी कमी सारे सफ़र में रह गई
बड़ा वीरान मौसम है कभी मिलने चले आओ
ऐसा भी नहीं उस से मिला दे कोई आ कर
आया हूँ संग ओ ख़िश्त के अम्बार देख कर
आँखों में आँसुओं को उभरने नहीं दिया