ये ज़मीनी भी है ज़मानी भी
ये ज़मीनी भी है ज़मानी भी
फ़ितरत-ए-इश्क़ आसमानी भी
शर्त है जाँ से जाइए पहले
है अजब उम्र-ए-जावेदानी भी
तुम ने जो दास्ताँ सुनाई है
है वही तो मिरी कहानी भी
कितने दिलचस्प लगने लगते हैं
मेरे क़िस्से तिरी ज़बानी भी
हैं ज़रूरी बहुत हमारे लिए
ये फ़ज़ा आग और पानी भी
हो गई ख़त्म इक किरन के साथ
रात भी नींद भी कहानी भी
मत इन्हें जानिए दर-ओ-दीवार
इन में यादें हैं कुछ सुहानी भी
इन दीवारों पे ही हुई तहरीर
मेरे माँ बाप की जवानी भी
हम जो घर छोड़ कर चले आए
थे वो अज्दाद की निशानी भी
ला-मकाँ ही का ज़िक्र-ए-ख़ैर 'अदील'
गो हैं क़िस्से बहुत मकानी भी
(780) Peoples Rate This