Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_d9c91a0ef74708947b02ce867e5b64ed, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
वही ना-सबूरी-ए-आरज़ू वही नक़्श-ए-पा वही जादा है - अदा जाफ़री कविता - Darsaal

वही ना-सबूरी-ए-आरज़ू वही नक़्श-ए-पा वही जादा है

वही ना-सबूरी-ए-आरज़ू वही नक़्श-ए-पा वही जादा है

कोई संग-ए-रह को ख़बर करो उसी आस्ताँ का इरादा है

वही अश्क-ए-ख़ूँ के गुलाब हैं वही ख़ार ख़ार है पैरहन

न करम की आस बुझी अभी न सितम की धूप ज़ियादा है

अभी रौशनी की लकीर सी सर-ए-रहगुज़ार है जाँ-ब-लब

किसी दिल की आस मिटी नहीं कहीं इक दरीचा कुशादा है

तन-ए-ज़ख़्म ज़ख़्म को छोड़ दे मिरे चारागर मिरे मेहरबाँ

दिल-ए-दाग़ दाग़ का हौसला तिरी मरहमत से ज़ियादा है

जो नज़र बचा के गुज़र गए तो न आ सकोगे पलट के तुम

बड़ी मोहतरम है ये बेबसी कि ख़ुलूस-ए-जाँ का लिबादा है

यही ज़िंदगी है बुरी-भली ये कशीदा सर ये बरहना-पा

न ग़ुबार-ए-राह से मुज़्महिल न सुकून-ए-जाँ का इआदा है

मिरा इफ़्तिख़ार वफ़ा तलक मुझे रास आ न सका 'अदा'

तिरा नाम जिस पर लिखा रहा वो किताब आज भी सादा है

(910) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wahi Na-saburi-e-arzu Wahi Naqsh-e-pa Wahi Jada Hai In Hindi By Famous Poet Ada Jafri. Wahi Na-saburi-e-arzu Wahi Naqsh-e-pa Wahi Jada Hai is written by Ada Jafri. Complete Poem Wahi Na-saburi-e-arzu Wahi Naqsh-e-pa Wahi Jada Hai in Hindi by Ada Jafri. Download free Wahi Na-saburi-e-arzu Wahi Naqsh-e-pa Wahi Jada Hai Poem for Youth in PDF. Wahi Na-saburi-e-arzu Wahi Naqsh-e-pa Wahi Jada Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Wahi Na-saburi-e-arzu Wahi Naqsh-e-pa Wahi Jada Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.