क्या शोख़ अचपले हैं तेरे नयन ममोला
क्या शोख़ अचपले हैं तेरे नयन ममोला
जिन कूँ नरख जले हैं सब मनहरन ममोला
बर में ख़याल के भी क्यूँकर के आ सके दिल
नाज़ुक है जान सेती तेरा बदन ममोला
जो इक निगह करो तुम करते हो काम सो तुम
सीखे कहाँ सीं हो तुम ये मक्र-ओ-फ़न ममोला
आज़ाद सब जगत के आ कर ग़ुलाम होवें
जब बूदली बनावे अपना बरन ममोला
क़द सर्व चश्म नर्गिस रुख़ गुल दहान ग़ुंचा
करता हूँ देख तुम कूँ सैर-ए-चमन ममोला
हर रात शम्अ के जूँ जलती है जान मेरी
जब सीं लगी है तुम सीं दिल की लगन ममोला
(693) Peoples Rate This