Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0c46c7b55bc8031754ce89d5299807d3, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
गली अकेली है प्यारे अँधेरी रातें हैं - आबरू शाह मुबारक कविता - Darsaal

गली अकेली है प्यारे अँधेरी रातें हैं

गली अकेली है प्यारे अँधेरी रातें हैं

अगर मिलो तो सजन सौ तरह की घातें हैं

बुताँ सीं मुझ कूँ तू करता है मनअ' ऐ ज़ाहिद

रहा हूँ सुन कि ये भी ख़ुदा की बातें हैं

अज़ल सीं क्यूँ ये अबद की तरफ़ कूँ दौड़ें हैं

वो ज़ुल्फ़ दिल के तलब की मगर बरातें हैं

रक़ीब इज्ज़ सीं माक़ूल हो सके हैं कहीं

इलाज उन का मगर झगड़ें हैं व लातें हैं

करो करम की निगाहाँ तरफ़ फ़क़ीरों की

निसाब-ए-हुस्न की साहब यही ज़कातें हैं

रहीं फ़लक के सदा हेर-फेर में नामर्द

ये रंडियाँ हैं कि चरख़ा हमेशा क़ातें हैं

लिखूँगा 'आबरू' अब ख़ुश-नयन कूँ मैं नामा

पलक क़लम हैं मिरी मर्दुमुक दवातें हैं

(841) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Gali Akeli Hai Pyare Andheri Raaten Hain In Hindi By Famous Poet Abroo Shah Mubarak. Gali Akeli Hai Pyare Andheri Raaten Hain is written by Abroo Shah Mubarak. Complete Poem Gali Akeli Hai Pyare Andheri Raaten Hain in Hindi by Abroo Shah Mubarak. Download free Gali Akeli Hai Pyare Andheri Raaten Hain Poem for Youth in PDF. Gali Akeli Hai Pyare Andheri Raaten Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Gali Akeli Hai Pyare Andheri Raaten Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.