Ghazals of Abroo Shah Mubarak (page 3)
नाम | आबरू शाह मुबारक |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Abroo Shah Mubarak |
जन्म की तारीख | 1685 |
मौत की तिथि | 1733 |
जन्म स्थान | Delhi |
दिल नीं पकड़ी है यार की सूरत
दिल है तिरे प्यार करने कूँ
देखो तो जान तुम कूँ मनाते हैं कब सेती
देख तू बे-रहम आशिक़ नीं तुझे छोड़ा नहीं
चंचलाहट में तू ममोला है
बहार आई गली की तरह दिल खोल
बढ़े है दिन-ब-दिन तुझ मुख की ताब आहिस्ता आहिस्ता
और वाइज़ के साथ मिल ले शैख़
अगर दिल इश्क़ सीं ग़ाफ़िल रहा है
अगर अँखियों सीं अँखियों को मिलाओगे तो क्या होगा
आया है सुब्ह नींद सूँ उठ रसमसा हुआ
आश्नाई ब-ज़ोर नहिं होती
आशिक़ बिपत के मारे रोते हुए जिधर जाँ
आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है