Love Poetry of Abrar Ahmad
नाम | अबरार अहमद |
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अंग्रेज़ी नाम | Abrar Ahmad |
जन्म की तारीख | 1954 |
जन्म स्थान | Lahore |
ये दाग़-ए-इश्क़ जो मिटता भी है चमकता भी है
जो भी यकजा है बिखरता नज़र आता है मुझे
हम यक़ीनन यहाँ नहीं होंगे
ज़िंदा आदमी से कलाम
क़स्बाती लड़कों का गीत
पिछले पहर की दस्तक
मिट्टी थी किस जगह की
मिट्टी से एक मुकालिमा
मेरे पास क्या कुछ नहीं
मजीद-अमजद के लिए
कहीं टूटते हैं
हवा जब तेज़ चलती है
हवा हर इक सम्त बह रही है
हमारे दुखों का इलाज कहाँ है
दवाम-ए-वस्ल का ख़्वाब
बारिश
आँखें तरस गई हैं
ये यक़ीं ये गुमाँ ही मुमकिन है
ये रह-ए-इश्क़ है इस राह पे गर जाएगा तू
यक़ीन है कि गुमाँ है मुझे नहीं मालूम
तुझ से वाबस्तगी रहेगी अभी
क़िस्से से तिरे मेरी कहानी से ज़ियादा
क्या जानिए क्या है हद-ए-इदराक से आगे
कुछ काम नहीं है यहाँ वहशत के बराबर
कोई सोचे न हमें कोई पुकारा न करे
कहीं पर सुब्ह रखता हूँ कहीं पर शाम रखता हूँ
जो भी यकजा है बिखरता नज़र आता है मुझे
हमें ख़बर नहीं कुछ कौन है कहाँ कोई है