Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0f0261c9f0a1c1616c34de7934af697d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ये भी तो कमाल हो गया है - अबरार अहमद कविता - Darsaal

ये भी तो कमाल हो गया है

ये भी तो कमाल हो गया है

ज़ाहिर वो जमाल हो गया है

जिस काम में हम ने हाथ डाला

वो काम मुहाल हो गया है

गुज़री हुई उम्र का हर इक पल

मिन्नत-कश-ए-हाल हो गया है

दिल कौन सा ताज़ा-दम था पहले

अब और निढाल हो गया है

कुछ रोज़ जो दिन फिरे हैं अपने

वो शामिल-ए-हाल हो गया है

जो ख़्वाब से ख़ून से कमाया

वो मुफ़्त का माल हो गया है

ये देख कि तेरे सामने कौन

सर-ता-पा सवाल हो गया है

ऐ ख़ौफ़-ए-ज़वाल तेरे हाथों

सब रू-ब-ज़वाल हो गया है

(928) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ye Bhi To Kamal Ho Gaya Hai In Hindi By Famous Poet Abrar Ahmad. Ye Bhi To Kamal Ho Gaya Hai is written by Abrar Ahmad. Complete Poem Ye Bhi To Kamal Ho Gaya Hai in Hindi by Abrar Ahmad. Download free Ye Bhi To Kamal Ho Gaya Hai Poem for Youth in PDF. Ye Bhi To Kamal Ho Gaya Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Ye Bhi To Kamal Ho Gaya Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.