दम के दम में दुनिया बदली भीड़ छटी कोहराम उठा
चलते चलते साँस रुकी और ख़त्म हुआ अफ़्साना भी
Wasi Shah
Habib Jalib
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Javed Akhtar
Anwar Masood
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
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ये आज कौन सी तक़्सीर हो गई 'नामी'
आप करिश्मा-साज़ हुए हैं होश में है दीवाना भी
न जाने रब्त-ए-मसर्रत है किस क़दर ग़म से