Qitas of Abid Malik
नाम | आबिद मलिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Abid Malik |
ज़मीं के ग़र्ब से सूरज तुलूअ' करता हूँ
ज़ख़्म देखे जिस्म देखा और पहचाना उसे
सुना रहा हूँ किसी और को कथा अपनी
रोज़ इक बाग़ गुज़रता है इसी रस्ते से
मैं इस कहानी में तरमीम कर के लाया हूँ
गले लगाए मुझे मेरा राज़-दाँ हो जाए
ऐ ख़ुदा एक बार मिल मुझ से
अब मनाना उसे मुश्किल है कि ये आख़िरी पल