Love Poetry of Abid Malik
नाम | आबिद मलिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Abid Malik |
ये मोहब्बत कोई अंजान सी शय होती थी
निकाल लाए हैं सब लोग उस के अक्स में नक़्स
मियाँ ये इश्क़ तो सब टूट कर ही करते हैं
क्यूँ चलती ज़मीं रुकी हुई है
कौन कहता है कि वहशत मिरे काम आई है
इक अजनबी की तरह है ये ज़िंदगी मिरे साथ
दश्त में उस का आब-ओ-दाना है
आसूदगान-ए-हिज्र से मिलने की चाह में
आख़िरी बार ज़माने को दिखाया गया हूँ