Heart Broken Poetry of Abid Malik
नाम | आबिद मलिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Abid Malik |
मियाँ ये इश्क़ तो सब टूट कर ही करते हैं
अभी से इस में शबाहत मिरी झलकने लगी
ये कार-ए-ख़ैर है इस को न कार-ए-बद समझो
शहर से जब भी कोई शहर जुदा होता है
मैं ने लोगों को न लोगों ने मुझे देखा था
कौन कहता है कि वहशत मिरे काम आई है
हज़ार ता'ने सुनेगा ख़जिल नहीं होगा
इक अजनबी की तरह है ये ज़िंदगी मिरे साथ
दश्त में उस का आब-ओ-दाना है
आसूदगान-ए-हिज्र से मिलने की चाह में
आख़िरी बार ज़माने को दिखाया गया हूँ