Heart Broken Poetry of Abid Almi
नाम | आबिद आलमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abid Almi |
शिकस्त
रात
अजनबी
वो जो हर राह के हर मोड़ पर मिल जाता है
वो इक निगाह जो ख़ामोश सी है बरसों से
तुम ने जब घर में अंधेरों को बुला रक्खा है
तुम ने जब घर में अँधेरों को बुला रक्खा है
मिरा बदन है मगर मुझ से अजनबी है अभी
क्या ख़बर कब से प्यासा था सहरा
किसी मक़ाम पे हम को भी रोकता कोई
ख़्वाब में गर कोई कमी होती
जो शख़्स तुझ को फ़रिश्ता दिखाई देता है
जब से अल्फ़ाज़ के जंगल में घिरा है कोई
जब भी कमरे में कुछ हवा आई
दे गया आख़िरी सदा कोई