Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2c32c0ac333ae961d589226c0897380c, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं - अबीर अबुज़री कविता - Darsaal

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं

परे से परे से पराँ और भी हैं

अभी तो तुझे एक फेंटी लगी है

अभी तो तिरे इम्तिहाँ और भी हैं

वो इक नार ही तो जलाती नहीं है

मोहल्ले में चिंगारियाँ और भी हैं

वो खिड़की नहीं खोलते तो न खोलें

नज़र में मिरे बारियाँ और भी हैं

ये शीआ ये सुन्नी है हनफ़ी वहाबी

अलावा अज़ीं फ़िरक़ियाँ और भी हैं

स्मुग्गलिंग की शूगर स्टॉकिंग का कैंसर

वडेरों को बीमारियाँ और भी हैं

यहाँ सिर्फ़ थाने ही बिकते नहीं हैं

यहाँ पर कई ऐसे थाँ और भी हैं

वो कहते हैं इंसाफ़ सस्ता मिलेगा

तो साबित हुआ पेशियाँ और भी हैं

हुआ तेल का ही नहीं मोल दुगना

बहुत क़ीमताँ एेसीयाँ और भी हैं

'अबीरा' तुझे वो भी सहनी पड़ेंगी

मुक़द्दर में जो सख़्तियाँ और भी हैं

(1106) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Sitaron Se Aage Jahan Aur Bhi Hain In Hindi By Famous Poet Abeer AbuZari. Sitaron Se Aage Jahan Aur Bhi Hain is written by Abeer AbuZari. Complete Poem Sitaron Se Aage Jahan Aur Bhi Hain in Hindi by Abeer AbuZari. Download free Sitaron Se Aage Jahan Aur Bhi Hain Poem for Youth in PDF. Sitaron Se Aage Jahan Aur Bhi Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Sitaron Se Aage Jahan Aur Bhi Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.