Sad Poetry of Abdussamad ’Tapish’
नाम | अब्दुस्समद ’तपिश’ |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Abdussamad ’Tapish’ |
उसे खिलौनों से बढ़ कर है फ़िक्र रोटी की
उन के लब पर मिरा गिला ही सही
मैं भी तन्हा इस तरफ़ हूँ वो भी तन्हा उस तरफ़
पत्ते पत्ते से नग़्मा-सरा कौन है
ख़ौफ़-ओ-वहशत बर-सर-ए-बाज़ार रख जाता है कौन
गरचे नेज़ों पे सर है
एक भी चैन का बिस्तर नहीं होने देता
देख कर मेरी अना किस दर्जा हैरानी में है