Sad Poetry of Abdur Rahim Nashtar
नाम | अब्दुर्रहीम नश्तर |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdur Rahim Nashtar |
जन्म स्थान | Aurangabad |
अपनी ही ज़ात के सहरा में सुलगते हुए लोग
आवाज़ दे रहा है अकेला ख़ुदा मुझे
वो शख़्स जिस ने ख़ुद अपना लहू पिया होगा
फिर इक नए सफ़र पे चला हूँ मकान से
पंछियों के रू-ब-रू क्या ज़िक्र-ए-नादारी करूँ
इन काली सड़कों प अक्सर ध्यान आया
दश्त-ए-अफ़्कार में सूखे हुए फूलों से मिले
अगर हो ख़ौफ़-ज़दा ताक़त-ए-बयाँ कैसी