Heart Broken Poetry of Abdur Rahim Nashtar
नाम | अब्दुर्रहीम नश्तर |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Abdur Rahim Nashtar |
जन्म स्थान | Aurangabad |
पत्थर ने पुकारा था मैं आवाज़ की धुन में
मैं भी तालाब का ठहरा हुआ पानी था कभी
वो सो रहा है ख़ुदा दूर आसमानों में
वो शख़्स जिस ने ख़ुद अपना लहू पिया होगा
टूट कर देर तलक प्यार किया है मुझ को
सफ़ेद-पोश दरिंदों ने गुल खिलाए थे
फिर इक नए सफ़र पे चला हूँ मकान से
पंछियों के रू-ब-रू क्या ज़िक्र-ए-नादारी करूँ
मैं तेरी चाह में झूटा हवस में सच्चा हूँ
दश्त-ए-अफ़्कार में सूखे हुए फूलों से मिले
चट्टान के साए में खड़ा सोच रहा हूँ
अगर हो ख़ौफ़-ज़दा ताक़त-ए-बयाँ कैसी