Friendship Poetry of Abdullla Khan Mehr Lakhnavi
नाम | अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdullla Khan Mehr Lakhnavi |
पड़े हैं मस्त भी साक़ी अयाग़ के नज़दीक
न पहुँचे छूट कर कुंज-ए-क़फ़स से हम नशेमन तक
मिज़्गाँ ने रोका आँखों में दम इंतिज़ार से