अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी
नाम | अब्दुल्ल्ला ख़ाँ महर लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdullla Khan Mehr Lakhnavi |
गुलचीं बहार-ए-गुल में न कर मन-ए-सैर-ए-बाग़
पड़े हैं मस्त भी साक़ी अयाग़ के नज़दीक
पाबंद हर जफ़ा पे तुम्हारी वफ़ा के हैं
न पहुँचे छूट कर कुंज-ए-क़फ़स से हम नशेमन तक
मिज़्गाँ ने रोका आँखों में दम इंतिज़ार से
क्या कीजिए रक़म सनद-ए-एहतिशाम-ए-ज़ुल्फ़