Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_24aaa32dcc1575fda5b0ef33bea5c21a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
नंगे पाँव की आहट थी या नर्म हवा का झोंका था - अब्दुल्लाह जावेद कविता - Darsaal

नंगे पाँव की आहट थी या नर्म हवा का झोंका था

नंगे पाँव की आहट थी या नर्म हवा का झोंका था

पिछले पहर के सन्नाटे में दिल दीवाना चौंका था

पाँचों हवास की बज़्म सजा कर उस की याद में बैठे थे

हम से पूछो शब-ए-जुदाई कब कब पत्ता खड़का था

और भी थे उस की महफ़िल में बातें सब से होती थीं

सब की आँख बचा कर उस ने हम को तन्हा देखा था

दुनिया तो दुनिया ही ठहरी रंग बदलती रहती है

दुख तो ये है ध्यान किसी का घटता बढ़ता साया था

कैसा शिकवा कैसी शिकायत दिल में यही सोचो 'जावेद'

तुम ही गए थे उस की गली में वो कब तुम तक आया था

(1548) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Nange Panw Ki AahaT Thi Ya Narm Hawa Ka Jhonka Tha In Hindi By Famous Poet Abdullah Javed. Nange Panw Ki AahaT Thi Ya Narm Hawa Ka Jhonka Tha is written by Abdullah Javed. Complete Poem Nange Panw Ki AahaT Thi Ya Narm Hawa Ka Jhonka Tha in Hindi by Abdullah Javed. Download free Nange Panw Ki AahaT Thi Ya Narm Hawa Ka Jhonka Tha Poem for Youth in PDF. Nange Panw Ki AahaT Thi Ya Narm Hawa Ka Jhonka Tha is a Poem on Inspiration for young students. Share Nange Panw Ki AahaT Thi Ya Narm Hawa Ka Jhonka Tha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.