दुनिया ने जब डराया तो डरने में लग गया

दुनिया ने जब डराया तो डरने में लग गया

दिल फिर भी प्यार आप से करने में लग गया

शायद कहीं से आप की ख़ुशबू पहुँच गई

माहौल जान ओ दिल का सँवरने में लग गया

इक नक़्श मौज-ए-आब से बरहम हुआ तो क्या

इक नक़्श ज़ेर-ए-आब उभरने में लग गया

'जावेद' नज़्द-ए-आब-ए-रवाँ कह गया फ़क़ीर

दरिया में जो गया वो गुज़रने में लग गया

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