Coupletss of Abdullah Javed
नाम | अब्दुल्लाह जावेद |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdullah Javed |
ज़मीं को और ऊँचा मत उठाओ
यक़ीं का दाएरा देखा है किस ने
तुम अपने अक्स में क्या देखते हो
तर्क करनी थी हर इक रस्म-ए-जहाँ
शाइरी पेट की ख़ातिर 'जावेद'
सजाते हो बदन बेकार 'जावेद'
साहिल पे लोग यूँही खड़े देखते रहे
फिर नई हिजरत कोई दरपेश है
मंज़रों के भी परे हैं मंज़र
कभी सोचा है मिट्टी के अलावा
जब थी मंज़िल नज़र में तो रस्ता था एक
इस ही बुनियाद पर क्यूँ न मिल जाएँ हम
हर इक रस्ते पे चल कर सोचते हैं
देखते हम भी हैं कुछ ख़्वाब मगर हाए रे दिल
अश्क ढलते नहीं देखे जाते
आप के जाते ही हम को लग गई आवारगी