Sharab Poetry of Abdul Wahab Yakro
नाम | अब्दुल वहाब यकरू |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Wahab Yakro |
कविताएं
Ghazal 18
Couplets 11
Love 14
Sad 9
Heart Broken 8
Hope 1
Friendship 4
Islamic 2
Social 1
ख्वाब 3
Sharab 3
प्यासा मत जला साक़ी मुझे गर्मी सीं हिज्राँ की
ख़ुश-क़दाँ जब ख़िराम करते हैं
इस तरह रुख़ फेरते हो सुनते ही बोसे की बात