मस्त अँखियाँ का देख दुम्बाला
मस्त अँखियाँ का देख दुम्बाला
दिल मिरा हो गया है मतवाला
लब तिरे ला'ल हैं बदख़्शाँ के
दाँत तेरे हैं लूलू ऐ लाला
देख गुलशन में आतिशीं रुख़्सार
दाग़ हो जल गया गुल-ए-लाला
अश्क दरिया नमन नयन सीं चलें
जब करूँ दर्द-ए-दिल सती नाला
बर में 'यकरू' के क्यूँ न आया हाए
दे गया मुझ कूँ सर्व-क़द बाला
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