Islamic Poetry of Abdul Rahman Ehsan Dehlvi
नाम | अब्दुल रहमान एहसान देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Rahman Ehsan Dehlvi |
उल्फ़त में तेरा रोना 'एहसाँ' बहुत बजा है
नमाज़ अपनी अगरचे कभी क़ज़ा न हुई
कुछ तुम्हें तर्स-ए-ख़ुदा भी है ख़ुदा की वास्ते
ज़ात उस की कोई अजब शय है
तुम्हारी चश्म ने मुझ सा न पाया
नहीं सुनता नहीं आता नहीं बस मेरा चलता है
हर आन जल्वा नई आन से है आने का
ग़म याँ तो बिका हुआ खड़ा है