Hope Poetry of Abdul Mannan Tarzi
नाम | अब्दुल मन्नान तरज़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Mannan Tarzi |
जन्म की तारीख | 1940 |
जन्म स्थान | Darbhanga |
सू-ए-सहरा ही चलें शायद रहें महफ़ूज़ कुछ
ज़लज़ले सख़्त आते रहे रात-भर
मुद्दआ'-ओ-आरज़ू शौक़-ए-तमन्ना आप हैं
मिरी निगाह को जल्वों का हौसला दे दो
मेरी आँखों में आँसू प्यारे
खुली जब आँख तो देखा कि था बाज़ार का हल्क़ा
जब निगाह-ए-तलब मो'तबर हो गई
हर वरक़ इक किताब हो जाए
हर आन नई शान है हर लम्हा नया है
अपने हालात का असीर हूँ मैं
आँख पर ए'तिबार हो जाए