Ghazals of Abdul Majeed Salik
नाम | अब्दुल मजीद सालिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Majeed Salik |
जन्म की तारीख | 1894 |
मौत की तिथि | 1959 |
वो है हैरत-फ़ज़ा-ए-चश्म-ए-मा'नी सब नज़ारों में
न मोहतसिब की न हूर-ओ-जिनाँ की बात करो
मिरे दिल में है कि पूछूँ कभी मुर्शिद-ए-मुग़ाँ से
ख़िरद में मुब्तिला है 'सालिक' दीवाना बरसों से
जो मुश्त-ए-ख़ाक हो उस ख़ाक-दाँ की बात करो
हम-नफ़सो उजड़ गईं मेहर-ओ-वफ़ा की बस्तियाँ
ग़म के हाथों मिरे दिल पर जो समाँ गुज़रा है
चराग़-ए-ज़िंदगी होगा फ़रोज़ाँ हम नहीं होंगे