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Abdul Majeed Salik Poetry In Hindi - Best Abdul Majeed Salik Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

अब्दुल मजीद सालिक कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अब्दुल मजीद सालिक

अब्दुल मजीद सालिक कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अब्दुल मजीद सालिक
नामअब्दुल मजीद सालिक
अंग्रेज़ी नामAbdul Majeed Salik
जन्म की तारीख1894
मौत की तिथि1959

तुझे कुछ इश्क़ ओ उल्फ़त के सिवा भी याद है ऐ दिल

नई शमएँ जलाओ आशिक़ी की अंजुमन वालो

मिरे दिल में है कि पूछूँ कभी मुर्शिद-ए-मुग़ाँ से

जो उन्हें वफ़ा की सूझी तो न ज़ीस्त ने वफ़ा की

इश्क़ है बे-गुदाज़ क्यूँ हुस्न है बे-नियाज़ क्यूँ

हमारे डूबने के बाद उभरेंगे नए तारे

हाल-ए-दिल सुन के वो आज़ुर्दा हैं शायद उन को

हाल-ए-दिल सुन के वो आज़ुर्दा हैं शायद उन को

चराग़-ए-ज़िंदगी होगा फ़रोज़ाँ हम नहीं होंगे

अब नहीं जन्नत मशाम-ए-कूचा-ए-यार की शमीम

वो है हैरत-फ़ज़ा-ए-चश्म-ए-मा'नी सब नज़ारों में

न मोहतसिब की न हूर-ओ-जिनाँ की बात करो

मिरे दिल में है कि पूछूँ कभी मुर्शिद-ए-मुग़ाँ से

ख़िरद में मुब्तिला है 'सालिक' दीवाना बरसों से

जो मुश्त-ए-ख़ाक हो उस ख़ाक-दाँ की बात करो

हम-नफ़सो उजड़ गईं मेहर-ओ-वफ़ा की बस्तियाँ

ग़म के हाथों मिरे दिल पर जो समाँ गुज़रा है

चराग़-ए-ज़िंदगी होगा फ़रोज़ाँ हम नहीं होंगे

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