वो बातें तिरी वो फ़साने तिरे
वो बातें तिरी वो फ़साने तिरे
शगुफ़्ता शगुफ़्ता बहाने तिरे
बस इक दाग़-ए-सज्दा मिरी काएनात
जबीनें तिरी आस्ताने तिरे
मज़ालिम तिरे आफ़ियत-आफ़रीं
मरासिम सुहाने सुहाने तिरे
फ़क़ीरों की झोली न होगी तही
हैं भरपूर जब तक ख़ज़ाने तिरे
दिलों को जराहत का लुत्फ़ आ गया
लगे हैं कुछ ऐसे निशाने तिरे
असीरों की दौलत असीरी का ग़म
नए दाम तेरे पुराने तिरे
बस इक ज़ख़्म-ए-नज़्ज़ारा हिस्सा मिरा
बहारें तिरी आशियाने तिरे
फ़क़ीरों का जमघट घड़ी-दो-घड़ी
शराबें तिरी बादा-ख़ाने तिरे
ज़मीर-ए-सदफ़ में किरन का मक़ाम
अनोखे अनोखे ठिकाने तिरे
बहार ओ ख़िज़ाँ कम-निगाहों के वहम
बुरे या भले सब ज़माने तिरे
'अदम' भी है तेरा हिकायत-कदा
कहाँ तक गए हैं फ़साने तिरे
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