Sad Poetry of Abdul Hafiz Naeemi
नाम | अब्दुल हफ़ीज़ नईमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Hafiz Naeemi |
जन्म की तारीख | 1911 |
तुम्हारे संग-ए-तग़ाफ़ुल का क्यूँ करें शिकवा
खड़ा हुआ हूँ सर-ए-राह मुंतज़िर कब से
हुस्न इक दरिया है सहरा भी हैं उस की राह में
इस तिलिस्म-ए-रोज़-ओ-शब से तो कभी निकलो ज़रा
होंकते दश्त में इक ग़म का समुंदर देखो
हर इंसाँ अपने होने की सज़ा है
ग़ुबार-ए-दर्द से सारा बदन अटा निकला
गर्द-ए-फ़िराक़ ग़ाज़ा कश-ए-आइना न हो
दुआ को हाथ मिरा जब कभी उठा होगा
बहार बन के ख़िज़ाँ को न यूँ दिलासा दे