Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_969f942410c40f318632cdec2938fc00, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ईद उस परी-वश की - अब्दुल अहद साज़ कविता - Darsaal

ईद उस परी-वश की

फूटी लब-ए-नाज़ुक से वो इक शोख़ सी लाली

थोड़ी सी शफ़क़ आरिज़-ए-ताबाँ ने चुरा ली

फिर बाम की जानिब उठे अबरू-ए-हिलाली

और चाँद ने शर्मा के कहा ईद-मुबारक

छेड़ा वो हसीं शब ने तमन्नाओं का जादू

लहरा गई ख़ल्वत-कदा-ए-नाज़ में ख़ुशबू

हौले से सँवरने लगे एहसास के गेसू

दी किस ने दर-ए-दिल पे सदा ईद-मुबारक

झलका रुख़-ए-रौशन पे हसीं सुब्ह का परतव

गुलनार हथेली पे हिना देने लगी लौ

ज़ुल्फ़ों से चली निकहत-ए-वारफ़्ता की इक रौ

पैग़ाम लिए आई सबा ईद-मुबारक

सखियों ने ख़यालों के हसीं रंग उभारे

जागे कई ख़्वाबीदा से जज़्बात के धारे

फूटे वो निगाहों से तबस्सुम के फुवारे

माहौल हुआ नग़्मा-नवा ईद-मुबारक

सदक़े तिरे ऐ रूह-ए-अदा पैक-ए-लताफ़त

ख़ुश आए तिरे हुस्न को ये कैफ़ की साअत

ये तोहफ़ा-ए-अशआर है नज़राना-ए-उल्फ़त

ऐ जान-ए-हया जान-ए-वफ़ा ईद-मुबारक

(1476) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Id Us Pari-wash Ki In Hindi By Famous Poet Abdul Ahad Saaz. Id Us Pari-wash Ki is written by Abdul Ahad Saaz. Complete Poem Id Us Pari-wash Ki in Hindi by Abdul Ahad Saaz. Download free Id Us Pari-wash Ki Poem for Youth in PDF. Id Us Pari-wash Ki is a Poem on Inspiration for young students. Share Id Us Pari-wash Ki with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.