इबलाग़
ग़म काँटे की नोक से फूटा
लफ़्ज़ बबूल की शाख़ से उतरे
हैराँ हूँ मैं
लफ़्ज़ लिखूँ या
शाख़ से कोई ख़ार चुनूँ और
काग़ज़ के सीने में चुभो दूँ
(1175) Peoples Rate This
ग़म काँटे की नोक से फूटा
लफ़्ज़ बबूल की शाख़ से उतरे
हैराँ हूँ मैं
लफ़्ज़ लिखूँ या
शाख़ से कोई ख़ार चुनूँ और
काग़ज़ के सीने में चुभो दूँ
(1175) Peoples Rate This