Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9bca82212bbb4c6984e46238d97efa87, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अबस है राज़ को पाने की जुस्तुजू क्या है - अब्दुल अहद साज़ कविता - Darsaal

अबस है राज़ को पाने की जुस्तुजू क्या है

अबस है राज़ को पाने की जुस्तुजू क्या है

ये चाक-ए-दिल है उसे हाजत-ए-रफ़ू क्या है

ये आइने हैं कि हम-चेहरा लश्करों की सफ़ें

ये अक्स अक्स कोई सूरत-ए-अदू क्या है

मुशाबहत के ये धोके मुमासलत के फ़रेब

मिरा तज़ाद लिए मुझ सा हू-ब-हू क्या है

मैं एक हल्क़ा-ए-बे-सम्त अपने मरकज़ पर

ये शश-जहात हैं कैसे ये चार-सू क्या है

ये लहम ओ ख़ूँ के किनाए ये ज़ेहन के उस्लूब

मिरे वजूद का पैराया-ए-नुमू क्या है

ये आसमाँ से रग-ए-जाँ तक एक सरगोशी

सुकूत-ए-शब का ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है

ये रहगुज़ार-ए-नफ़स तंगनाए-मायूसी

मगर ये वुसअत-ए-दामान-ए-आरज़ू क्या है

हिसार-ए-जिस्म ओ तिलिस्म-ए-क़बा अज़ीज़ मगर

निकल भी आओ मिरी जाँ कभू कभू क्या है

ख़याल क्या है जो अल्फ़ाज़ तक न पहुँचे 'साज़'

''जब आँख से ही न टपका तो फिर लहू क्या है''

(1336) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Abas Hai Raaz Ko Pane Ki Justuju Kya Hai In Hindi By Famous Poet Abdul Ahad Saaz. Abas Hai Raaz Ko Pane Ki Justuju Kya Hai is written by Abdul Ahad Saaz. Complete Poem Abas Hai Raaz Ko Pane Ki Justuju Kya Hai in Hindi by Abdul Ahad Saaz. Download free Abas Hai Raaz Ko Pane Ki Justuju Kya Hai Poem for Youth in PDF. Abas Hai Raaz Ko Pane Ki Justuju Kya Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Abas Hai Raaz Ko Pane Ki Justuju Kya Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.