निहाल-ए-दर्द ये दिन तुझ पे क्यूँ उतरता नहीं
निहाल-ए-दर्द ये दिन तुझ पे क्यूँ उतरता नहीं
ये नील-कंठ कहीं तुझ से बद-गुमाँ ही न हो
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निहाल-ए-दर्द ये दिन तुझ पे क्यूँ उतरता नहीं
ये नील-कंठ कहीं तुझ से बद-गुमाँ ही न हो
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