Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_453707ba039a0465478d288868ced62e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अब मोहब्बत न फ़साना न फ़ुसूँ है यूँ है - अब्बास ताबिश कविता - Darsaal

अब मोहब्बत न फ़साना न फ़ुसूँ है यूँ है

अब मोहब्बत न फ़साना न फ़ुसूँ है यूँ है

साहब-ए-दश्त तो कहता था कि यूँ है यूँ है

पस-ए-गिर्या कोई देता है तसल्ली तुझ को

ये जो ऐ दिल तुझे बे-वज्ह सुकूँ है यूँ है

'मीर'-साहिब ही नहीं उस से परे बैठते हैं

जो भी शाइस्ता-ए-आदाब-ए-जुनूँ है यूँ है

ज़िंदगी-भर में कोई शे'र तो ऐसा होता

मैं भी कहता जो मिरा ज़ख़्म-ए-दरूँ है यूँ है

नीस्त में हस्त का एहसास दिलाती हुई आँख

शोर करती है कि है कुन-फ़यकूँ है यूँ है

(1488) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ab Mohabbat Na Fasana Na Fusun Hai Yun Hai In Hindi By Famous Poet Abbas Tabish. Ab Mohabbat Na Fasana Na Fusun Hai Yun Hai is written by Abbas Tabish. Complete Poem Ab Mohabbat Na Fasana Na Fusun Hai Yun Hai in Hindi by Abbas Tabish. Download free Ab Mohabbat Na Fasana Na Fusun Hai Yun Hai Poem for Youth in PDF. Ab Mohabbat Na Fasana Na Fusun Hai Yun Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Ab Mohabbat Na Fasana Na Fusun Hai Yun Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.